अगर किसी देश का राजा भ्रष्टाचारियों को प्रमुख बनाकर अपना काम करे तो उसे नरक में बनने में ज्यादा वक्त नहीं लगता। बिहार में राम राज्य का अलख जगाने वाले नितीश के सिपाही उनके इस प्रिय प्रदेश को उसी नरक में ढकेलते जा रहे हैं जहां से उसे बडी मेहनत से निकाला गया था। राष्ट्रीय जनता दल के पूर्व सांसद मो. Shahabuddin को पटना हाईकोर्ट से बेल मिलने के बाद आज सुबह उनकी भागलपुर जेल से रिहाई हुई। Shahabuddin को बिहार का डॉन कहा जाता है। 11 साल बाद जेल से बाहर आए Shahabuddin का भव्य स्वागत पूरे बिहार में जहां जहां भी काफिला जा रहा है, किया जा रहा है। 500 गाडि़यों का काफिला तो सिर्फ उसे भागलपुर जेल लेने आया था। पूरे सीवान को सजा दिया गया है।
Shahabuddin के सीवान आगमन को लेकर शहर पूरी तरह सज गया है। जगह-जगह तोरण द्वार बनाए गए हैं। शहर में पोस्टर व बैनर भी लगे हैं। राजद के जिला कार्यालय व्हाइट हाउस की भी साफ-सफाई व सजावट की गई है। पूर्व सांसद के पैतृक आवास Hussain Ganj के प्रतापपुर में भी जश्न का माहौल दिख रहा है। परिजन व ग्रामीण उत्सुकता से आने का इंतजार कर रहे हैं। High Court से जमानत मिलने के बाद से ही जिले में पूर्व सांसद के समर्थक मिठाईयां बांट रहे हैं। आतिशबाजियां भी हो रही है।
जमानत मिलने के बाद से ही बड़ी संख्या में समर्थक सीवान से Bhagalpur पहुंचे थे। वहां से वे पूर्व सांसद के काफिले के साथ ही वापस आ रहे हैं। सांसद के जमानत मिलने के बाद ग्रामीण क्षेत्रों में भी समर्थकों में उल्लास है। बसंतपुर के शेखपुरा गांव में समर्थक फैयाज खान के नेतृत्व में मिठाईयां बांटी गई व पटाखे भी फोड़े गए।
Shahabuddin का काफिला खगड़िया पहुँचने के बाद समर्थकों ने फूल माला पहनाकर किया स्वागत और जमकर जिंदाबाद के नारे लगाये। Shahabuddin ने गाड़ी से उतरकर फूल माला पहने और फिर काफिला आगे की ओर बढ़ गया।
क्यों पहुंचे थे जेल
- साल 1986 में पहली बार उनपर पहला मामला दर्ज हुआ जब वो 19 साल के थे।
- 5 मार्च 2001 को शहाबुद्दीन ने राजद के एक नेता को गिरफ्तार करने आए पुलिस ऑफिसर संजीव कुमार को थप्पड़ मारा था।
- इस थप्पड़ कांड के बाद शहाबुद्दीन पहली बार सुर्खियों में आये. इस घटना के बाद पुलिस और शहाबुद्दीन के समर्थकों में झड़प हुई। झड़प के दौरान गोलीबारी हुई। इस घटना में 10 लोग मारे गये। इस मुठभेड़ के बाद से शहाबुद्दीन की गिनती बाहुबली नेताओं में होने लगी।
- साल 2003 में सीपाआई -माले के कार्यकर्ता मुन्ना चौधरी की हत्या और अपहरण का आरोप लगा।
- एक साल बाद शहाबुद्दीन पर गिरिश राज और सतीश राज की हत्या का आरोप लगा।
- 2006 में शहाबुद्दीन पर जेल में अवैध रूप से मोबाइल रखने का आरोप लगा।
- शहाबुद्दीन की अपराधिक गतिविधियों को लेकर लगे आरोपों की सूची काफी लंबी है।
- उनपर 49 मामले दर्ज हुए। 1996 में एसपी एसके सिंघल पर हमला करने के मामले में सीवान कोर्ट ने 10 साल की सजा सुनाई।