Patna: आरजेडी के पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन को सुप्रीम कोर्ट से तगड़ा झटका लगा है. शीर्ष कोर्ट ने कहा है कि शहाबुद्दीन को एक हफ्ते के भीतर बिहार की सिवान जेल से दिल्ली की तिहाड़ जेल लाया जाए. इसके साथ ही SC ने कहा कि ट्रांसफर के दौरान उसे कोई स्पेशल ट्रीटमेंट नहीं मिलेगा.
सिवान की ट्रायल कोर्ट में चल रहे 45 मामले वहीं चलते रहेंगे जिनकी सुनवाई वीडियो कॉन्फ्रेसिंग से होगी. सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि संविधान का राइट टू फेयर ट्रायल सिर्फ आरोपी के लिए नहीं बल्कि पीड़ित के लिए है. यहां सिर्फ सवाल आरोपी के अधिकारों का नहीं है बल्कि पीडितों के स्वतंत्रता से जीवन जीने के अधिकार का भी है.
आरोपी शहाबुद्दीन की इस दलील से कोर्ट सहमत नहीं है कि सुप्रीम कोर्ट को किसी को दूसरे राज्य में जेल ट्रांसफर नहीं कर सकता. सुप्रीम कोर्ट की ये जिम्मेदारी है कि वो हर केस में फ्री एंड फेयर ट्रायल को सुनिश्चित करे. कोर्ट हर मामले के तथ्यों को देखकर और जनता के हित को ध्यान में रखकर ये फैसला कर सकता है कि फेयर ट्रायल हो.
बता दें कि पत्रकार राजदेव रंजन की पत्नी आशा रंजन और तीन बेटों को गंवा चुके चंद्रेश्वर प्रसाद ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर शहाबुद्दीन को बिहार से तिहाड़ जेल ट्रांसफर करने की मांग की थी. इससे पहले पिछले साल 30 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने पटना हाईकोर्ट के फैसले को पलटते हुए जमानत रद्द करते हुए शहाबुद्दीन को वापस जेल भेज दिया था.