Madhubani में पाए गए चिकनगुनिया व डेंगू के मच्‍छर, स्‍वास्‍थ्‍य विभाग की बढी परेशानी

Madhubani: अपनी कला और संस्‍कृति के लिए पहचाने जाने वाले पवित्र मधुबनी में चिकनगुनिया व डेंगू के मच्‍छरों ने हडकंप मचा दिया है। सागरपुर व एकहत्था में चिकनगुनिया व डेंगू के दो मरीजों की पहचान के बाद स्वास्थ्य विभाग सचेत हो गया है इसको लेकर लोगों को बचाने की पहल की जा रही है सबसे पहले चिह्नित मरीजों के गांव में जाकर इसके रोकथाम के लिए कवायद शुरू की गयी है इसमें सागरपुर व एकहत्था गांव में स्वास्थ्य महकमा के द्वारा फॉगिंग का कार्य शुरू किया गया है।

पंडौल प्रखंड के अंतर्गत आने वाले सागरपुर निवासी सरोज कुमार मुंबई से डेंगू रोग से ग्रसित होकर यहां लौटे थे जिनका उपचार दरभंगा में हुआ वहीं खुटौना प्रखंड के एकहत्था गांव निवासी हाकिम रजा दिल्ली से चिकुन गुनिया से पीड़ित होकर यहां आए और उनका उपचार भी दरभंगा में हो रहा है इसके अलावा जिले के पांच अन्‍य मरीज डेंगू व चिकनगुनिया से पीड़ित है जिसका इलाज दरभंगा में चल रहा है स्वास्थ्य विभाग के कार्यकारी निदेशक ने निर्देश जारी किया है कि किसी भी निजी व सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों में यदि चिकन गुनिया व डेंगू के मरीज पाये जाते है, तो इसकी सूचना सिविल सर्जन को अवश्य दें ताकि पीड़ित व्यक्तियों के निवास क्षेत्रों में उपचारात्मक व निरोधात्मक कार्य किया जा सके

रोकथाम के लिए विभाग ने की पहल जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ सीके सिंह बताते है, कि चिकन गुनिया व डेंगू के दो मरीज के चिह्नित होने के बाद स्वास्थ्य महकमा सतर्क है अन्य मरीजों में यह बीमारी नहीं फैले इसके लिए विभाग ने पहल शुरू कर दी है  जांच के बेस कीट के लिए अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी को पत्र दिया गया है ताकि बेस कीट की उपलब्धता जल्द से जल्द किया जा सकें

फिलहाल जांच की नहीं है पूरी व्‍यवस्‍था  

सदर अस्पताल समेत जिले के किसी भी स्वास्थ्य संस्थानों में चिकन गुनिया व डेंगू की जांच किट उपलब्ध नहीं है  जिसके कारण मरीजों को उपचार के लिए दरभंगा व पटना जाना पड़ता है  जिला सर्वेक्षण पदाधिकारी डा निशांत ने बताया कि चिकनगुनिया व डेंगू मरीजों का निश्चित जांच इलाज के द्वारा किया जाता है वैसे बेस कीट से भी बीमारी की जांच की जाती है पर उसे सौ फीसदी सही नहीं माना जा सकता है जांच मेडिकल कॉलेज में उपलब्ध है। ऐसे में किस तरह से चिकनगुनिया व डेंगू के कहर से बचा जा सकेगा यह चिंता का विषय है।




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