मेघालय में सीएमजे युनिवर्सिटी के दाखिले के लिए लगे प्रचार प्रसार में लगी रोक को हटा दिया गया है। इसका फैसला मेघालय के डॉक्टरेट ऑफ हायर एजूकेशन ने मेघालय उच्च् न्यायालय की मध्यस्तता के बाद लिया। आपको बता दें कि एक साल पहले मेघालय के डॉक्टरेट ऑफ हायर एजूकेशन द्धारा सीएमजे युनिवर्सिटी के उस विज्ञापन पर प्रतिबंध लगा दिया गया था, जिसमें 2016 व 17 के दाखिले के लिए विज्ञापन अखबारों में दिया गया था। उस प्रतिबंध को मेघालय के डाक्टरेट ऑफ हायर एजूकेशन को वापस लेना पडा।
यह विज्ञापन सीएमजे युनिवर्सिटी ने 6 दिसंबर को कुछ अखबारों में दिया था, जिसके बाद डॉक्टरेट ऑफ हायर एजूकेशन ने युनिवर्सिटी को नोटिस जारी किया था कि जब तक यह मामला सुप्रीम कोर्ट में स्थगित है आप विज्ञापन नहीं निकाल सकते। मेघालय हाईकोर्ट के मुताबिक सीएमजे युनिवर्सिटी सरकारी षडयंत्र का शिकार हुई है।
मेघालय के जोराबट स्थित यह युनिवर्सिटी एक बार फिर से संचालित होने जा रही है। मेघालय हाईकोर्ट के जजमेंट से यह साफ हो चुका है कि यह युनिवर्सिटी अपने सिद्धांतों के आधार पर ही काम कर रही थी। सरकार को पत्र लिखकर आगाह करने वाली सीएमजे युनिवर्सिटी सरकारी रवैये से बेहद परेशान है।
युनिवर्सिटी के चांसलर डॉ सीएमझा ने बताया कि हमारा मकसद सिर्फ शिक्षा देना है और उसके लिए हम हमेशा तैयार रहेंगे। कोई भी मुसीबत हमें इस काम से नहीं रोक सकती। एक सभ्य समाज के लिए शिक्षा बेहद जरूरी है और हमारा कैंपस ऐसी जगह पर है जहां शिक्षा की अलख उतनी प्रगाढ नहीं है जितने देश के अन्य हिस्सों में है।