कॉलेज के दौरान ऐसे करेंं स्टार्टअप की तैयारी

स्टार्टअप ऐसे छात्रों के लिए सर्वाच्च विकल्प रहे हैं। जो लीक से हटकर अपनी मंजि़ल पाना चाहते हैं। कॉलेज के शुरुआती दिनों में ही स्टार्टअप की प्लैनिंग करने की सलाह अकसर दी जाती है। कई ऐसे भी स्कूल हैं, जो अपने छात्रों को, बिना पढ़ाई का नुकसान किए , चैलेंज लेने के लिए प्रात्साहित करते हैं। जिससे कि वे किसी खास क्षेत्र में अपना नाम बना सकें। ग्रेजुएट होने से पहले तक ही छात्र स्टार्टअप के अपने आइडिया पर काम करना शुरू भी कर देते हैं।building_startup-1

समय के साथ-साथ वे उसे बेहतर तरीके से समझने लगते हैं, उसके अलावा अपनी गलतियों को भी खुद ही पकड़ कर उन्हें सुधार लेते हैं। कॉलेज में अपने प्लैन पर काम शुरू करने का फायदा यह होता है कि वे अपने साथ वालों के साथ मिलकर ही टीम बना लेते हैं। बॉण्डिंग अच्छी होने से उनके बिजनेस को टॉप लेवल पर पहुंचने में ज्यादा समय भी नहीं लगता है। स्टार्टअप्स किसी भी तरह के हो सकते हैं, इस समय ऑनलाइन ट्रेडिंग सबसे ज्‍यादा चलन में है। किसी सर्विस या प्रोडक्ट संबंधी व्यवसाय में भी हाथ आजमाया जा सकता है। इससे प्रैक्टिकल व थ्योरेटिकल दोनों तरह का ज्ञान मिलता है।

स्टार्टअप को लेकर प्रो. (डॉ.) अरुण भाटिया, एचओडी- बीबीए, दिल्ली मेट्रोपोलिटन एजुकेशन (डीएमई) बताते हैं कि किस तरह स्टार्टअप को लेकर करें तैयारी:-

स्टार्टअप टीम बनाएं

कॉलेज के शुरूआती दिनों में टीम बना लेने का फायदा यह रहता है कि ग्रुप जान-पहचान के लोगों का होता है जिनकी बॉण्डिंग अच्छी होती है। ऐसी टीम्स दूसरी टीमोंके मुकाबले बेहतर काम कर पाती हैं। कई बार फंड की कमी के चलते स्टार्टअप्स का काम शुरू नहीं हो पाता है। बिजनेस की तरक्की के लिए जरूरी है कि टीम के सभीसदस्य मिलकर काम करें और सबकी अपनी रचनात्मकता हो। शुरू में मनमुटाव हो सकते हैं, उन्हें बहुत गंभीरता से न लें। अपने काम पर फोकस करें और सभीसदस्यों को बोलने का मौका दें।

टीम में हों हर तरह के लोग:- टीम में अलग-अलग लोगों के होने से सबका अपना नजरिया होगा अगर अलग-अलग कंपनियों, रुचि और क्षेत्र के लोग होंगे तो वे अपना सर्वश्रेष्ठ दे सकेंगे। उनकाअब तक का अनुभव स्टार्टअप के बहुत काम आ सकता है ऐसी टीमों के विचारों में दूसरों की अपेक्षा ज्यादा रचनात्मकता पाई जाती है। इन्हें इन्वेस्टर्स भी ज्यादा मिलसकते हैं।

फोकस से न हटें:- कॉलेज या स्कूल के ऐसे कई दोस्त होंगे जिनसे आपकी दोस्ती बहुत अच्छी होगी, आप एक-दूसरे को समझते भी बखूबी होंगे, पर जरूरी नहीं है कि वे आपके स्टार्टअपप्रोजेक्ट के लिए भी उपयुक्त हों। अपने साथ उन्हीं लोगों को रखें जो वाकई काम के प्रति गंभीर हों और लक्ष्य के प्रति अडिग भी रहें। अपनी टीम का मनोबल बढ़ातेरहें।

समय प्रबंधन:- आपके बिजनेस को धैर्य और अनुशासन की जरूरत है, उसके साथ ही अपनी क्लासेज और एग्जैम्स पर भी पूरा फोकस बनाए रखना जरूरी है। अकसर स्टार्टअप प्लैनकरने वाले छात्र मीटिंग्स के लिए ऐसा समय चुनते हैं जिससे उनकी पढ़ाई का नुकसान न हो, वीकेंड्स, क्लासेज के बीच में या फ्री टाइम में डिस्कशन किया जा सकताहै। नए विचारों व नजरियों के लिए वोकेशनल कोर्सेज भी जॉइन किए जा सकते हैं।

असफलता से न डरें:- छात्र जीवन सबसे उत्तम होता है क्योंकि इस दौरान आपके पास खोने के लिए कुछ नहीं होता है। आप चाहे जितने ट्रायल कर सकते हैं और नई शुरुआत भी। हरअवसर के साथ कुछ नया सीखने को मिलेगा जो आगे बहुत काम आएगा। माना जाता है कि असफलता ही जीवन की सबसे बड़ी सीख होती है। इससे अगले स्तर परपहुंचने से पहले अपनी गलतियों को समझ उन्हें सुधार सकेंगे।-startupglossary

स्टीव जॉब्स से लेकर लैरी एलिसन, बिल गेट्स और मार्क जुकरबर्ग जैसे सफल उद्यमी कॉलेज ड्रॉपआउट्स रहे हैं। कॉलेज ड्रॉपआउट अरबपतियों की संख्या पीएचडीहासिल किए अरबपतियों से तीन गुना ज्यादा है। फुल टाइम बिजनेस में जाने से पहले अपनी पढ़ाई पूरी करना बहुत जरूरी होता है, ग्रेजुएशन लेवल तक कासर्टिफिकेट कोर्स या डिग्री सबके पास होनी चाहिए। भले ही आप अरबपति न बन पाएं पर अपने दूसरे या तीसरे वेंचर में अनुभव व पढ़ाई से बहुत सहायता मिलेगी।इसमें कोई दो राय नहीं है कि स्टार्टअप्स में बहुत रिस्क भी होता है पर समय के सही प्रबंधन व लक्ष्य के प्रति अपनी कर्मठता से तरक्की हासिल की जा सकती है।




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